Kavita Jha

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तीज का लाल रंग

ये लाल रंग का ना छूटे कभी साथ
संग रहे हरदम पिया का साथ
लाल चूड़ी कंगन 
लाल सिंदुर लाल बिंदी
लाल रंग मेंहदी का
 और पैरों में महावर लाल 
लाल साड़ी लाल चुनरी
रंग दे मुझको अपने प्रेम रंग में 
साथ मिले हर जन्म तेरा
बस इतनी सी ख्वाहिस मेरी
तीज मनाऊं हर साल यूँ ही
सजती रहूं सजना तेरे लिए 
***
कविता झा 'काव्या कवि '

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